Wednesday 25 January 2012

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 

1 comment:

  1. मुझे साथ दो.



    मुझे साथ दो मेरे साथी
    मुझे हाथ दो मेरे साथी

    मैं इस धरती पर स्वर्ग बसाउँगा
    मैं इस धरती पर रामराज्य लाउँगा



    वे सर उठाये चले आ रहे हैं
    पशु से बदतर पा‍षाणी चले आ रहे हैं
    नजर उठा के देखो तो सही
    घटायें तम की घनी छा रही है
    साँसों मे घुटन बढती जा रही है

    साथ को साथ दो मेरे साथी
    साज पर आवाज दो मेरे साथी

    मैं इस धरती पर सूर्य बनकर दमकुंगा
    मैं पाषाणी उनकी मोमों मे ढल दूंगा


    जिन्दगी से मौत दूर कितनी
    ्मौत से दूर कितनी जिन्दगी
    यही कुछ दूर है, ना कि
    वही कुछ दूर है सिर्फ़
    सांसों का कोरा क्रमसंचय है
    मुझको ये सांसें दे दो साथी
    मुझको ये सांसें दे दो साथी

    मैं प्रचण्ड प्रलय बनकर गरजूंगा
    मैं नस-नस में उनकी डर भर दूंगा

    कितनी ही होती है खुलकर बातें
    जब भी आतीं हैं कुछ ऎसी रातें
    मिलकर एक होते हैं ऎसे
    जैसे नीर क्षीर में एक दूसरे

    आज किसी ने आँचल थामा है
    आज किसी ने नजर उठाया है

    उठती नजर उठा ही दूंगा
    उठते हाथ मरोड ही दूंगा

    मुझकॊ उन हाथॊं की जरुरत है
    मुझको उस हाथॊं की जरुरत है
    मुझे खून दो मेरे साथी
    तुमहें मैं नयी जिन्दगी दूंगा

    मुझे साथ दो मेरे साथी
    मुझे हाथ दो मेरे साथी

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